IPL FY2025 के वित्तीय आंकड़े सामने आते ही स्पष्ट हुआ कि यह मॉडर्न खेल का सबसे शानदार मनोरंजक आयोजन सिर्फ ग्लैमर नहीं, बल्कि आर्थिक चुनौती का भी दौर है। कई फ्रेंचाइजीज़ ने इस वर्ष भारी मुनाफों की बजाय घटती कमाई और बढ़ते नुकसान का सामना किया। खासकर RCB ने सबसे ज़्यादा कमी देखी, जबकि LSG घाटे में फंस गई—यह संकेत है कि क्रिकेट का बिज़नेस मॉडल भी अब सावधानी की मांग कर रहा है।
कैसे कमाई में आई कमी?
IPL की कमाई का बड़ा हिस्सा सेन्ट्रल मीडिया और स्पॉन्सरशिप पूल से आता है। इसलिए जब देखने-समझने लायक प्रदर्शन और मैदान पर उत्साह नहीं रहा तो प्रदर्शन-आधारित बोनस की कमी और कम मैचलिंक दर्शकों की उपस्थिति ने राजस्व धारा पर असर डाला।
इसके अलावा, ऑपरेशनल कॉस्ट्स जैसे खिलाड़ी फीस, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग की बढ़त, और मैच-डे रेवेन्यू में गिरावट ने फ्रेंचाइजी की आमदनी को प्रभावित किया।
RCB का सबसे गहरा झटका
Royal Challengers Bengaluru (RCB) ने IPL FY2025 में सबसे तीव्र राजस्व गिरावट का अनुभव किया। यह उनकी पहली चैंपियनशिप जीत के बावजूद हुआ, जो दर्शाता है कि मैदान पर सफल प्रदर्शन के बावजूद, आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियाँ थीं। जीतने का जश्न और ब्रांड वैल्यू बढ़ी, लेकिन लाभ कम हुए—एक जटिल आर्थिक संतुलन की कहानी यही कहता है।
LSG ने घाटा क्यों झेला?
Lucknow Super Giants (LSG), जो अपेक्षित crescimento पर थीं, FY25 में घाटे में चली गईं। इसका प्रमुख कारण तेजी से बढ़े खर्च—जैसे उच्च-प्रोफाइल खिलाड़ियों की खरीदारी और प्रचार-प्रसार—और उनमें से राजस्व निष्पादक परिणाम नहीं दे पाना था।
इससे क्या संकेत मिलता है?
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वैश्विक गलतफहमी: क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, भारी पूंजी वाला व्यवसाय है—और व्यय नियंत्रण जरूरी है।
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ब्रांड वैल्यू और मुनाफ़ा हमेशा साथ नहीं चलते—RCB की स्थिति इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
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नवोदित फ्रेंचाइजी के लिए यह एक चेतावनी है—बिना मजबूत राजस्व संरचना के शेघ्र वृद्धि जोखिम भरी हो सकती है।
IPL के वित्तीय परिदृश्य में यह क्यों अहम है?
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यह दर्शाता है कि आईपीएल का फायदेमंद मॉडल अब चुनौतियों से दो-चार हो रहा है।
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फ्रेंचाइजी की लगातार लागत बढ़ रही है, जबकि रेवेन्यू स्थिर नहीं रहा।
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आईपीएल की कुल वेल्यू तो बढ़ रही है, लेकिन हर टीम को उस बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल रहा।
निष्कर्ष
IPL FY2025 का वित्तीय डेटा बताता है कि सिर्फ मैदान पर जीत पर्याप्त नहीं है। फ्रेंचाइजी की सफलता अब बजट प्रबंधन, लागत नियंत्रण और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करती है। चाहे RCB हो या LSG—दोनों ने यह साबित कर दिया कि क्रिकेट भी बिजनेस है, जहाँ केवल खेल नहीं, बल्कि आर्थिक विवेक भी अहम है।