आधार सत्यापन में क्रान्ति: UIDAI ने Verifiers के लिए रजिस्ट्रेशन किया अनिवार्य, फोटोकॉपी की प्रथा पर लगाम

आधार सत्यापन में क्रान्ति: UIDAI ने Verifiers के लिए रजिस्ट्रेशन किया अनिवार्य, फोटोकॉपी की प्रथा पर लगाम

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भारत की डिजिटल पहचान, आधार (Aadhaar), अब एक नए और अधिक सुरक्षित युग में प्रवेश कर रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जल्द ही एक नया नियम अधिसूचित करने वाला है जो ऑफलाइन आधार सत्यापन (Offline Aadhaar Verification) चाहने वाले सभी संस्थाओं के लिए रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) अनिवार्य कर देगा। इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करने की पुरानी और असुरक्षित प्रथा को समाप्त करना है, जो पहले से ही आधार अधिनियम (Aadhaar Act) का उल्लंघन करती है।

UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भुवनेश्वर कुमार ने पुष्टि की है कि इस नए नियम को प्राधिकरण द्वारा मंजूरी दे दी गई है और इसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। यह कदम उपयोगकर्ता की निजता (User Privacy) को बढ़ावा देगा और देश के आगामी डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP Act) के अनुरूप होगा।


क्यों अनिवार्य किया जा रहा है Verifiers का रजिस्ट्रेशन?

UIDAI का प्राथमिक लक्ष्य आधार से जुड़े डेटा को सुरक्षित करना और अनधिकृत या असुरक्षित सत्यापन प्रक्रियाओं को खत्म करना है।

1. असुरक्षित पेपर ट्रेल को खत्म करना

होटल, इवेंट ऑर्गेनाइजर और विभिन्न संस्थाएं अब तक ग्राहकों से आधार कार्ड की फोटोकॉपी इकट्ठा करती रही हैं और उन्हें भौतिक रूप से स्टोर करती हैं। यह पेपर ट्रेल डेटा लीक या दुरुपयोग का एक बड़ा जोखिम पैदा करता है। इस नई व्यवस्था का लक्ष्य इस तरह के *पेपर-आधारित आधार सत्यापन को हतोत्साहित करना है।

2. आधार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करना

UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, आधार फोटोकॉपी जमा करना और उन्हें स्टोर करना पहले से ही आधार अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। पंजीकरण अनिवार्य करने से सभी सत्यापन चाहने वाली संस्थाएं सीधे UIDAI के फ्रेमवर्क के तहत आ जाएंगी, जिससे कानूनी अनुपालन सुनिश्चित होगा।

3. निजता और सुरक्षा बढ़ाना (Privacy and Security)

नई व्यवस्था में, सत्यापन एक पेपरलेस और सुरक्षित डिजिटल तरीके से होगा। इसमें उपयोगकर्ता की संवेदनशील जानकारी जैसे कि बायोमेट्रिक्स या आधार नंबर का अनाधिकृत संग्रह नहीं हो पाएगा, जिससे निजता का उल्लंघन कम होगा।


नया पेपरलेस सत्यापन सिस्टम कैसे काम करेगा? (The New Paperless Mechanism)

पंजीकृत संस्थाओं को अब कई नए तकनीकी उपकरण और विधियां मिलेंगी जो सत्यापन प्रक्रिया को तेज़, सुरक्षित और पेपरलेस बनाएंगी।

1. क्यूआर कोड स्कैनिंग (QR Code Scanning)

यह सबसे सरल और तेज़ तरीका होगा। आधार कार्ड पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करके संस्थाएं उपयोगकर्ता के विवरण को तुरंत सत्यापित कर सकेंगी, जिससे उन्हें फोटोकॉपी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्यूआर कोड में एन्क्रिप्टेड (encrypted) डेटा होता है जो सुरक्षित रहता है।

2. नया आधार ऐप और ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन (Aadhaar App and App-to-App Verification)

UIDAI एक नया ऐप विकसित कर रहा है जिसका बीटा परीक्षण चल रहा है। यह ऐप सत्यापन सेवाओं में क्रांति लाएगा:

  • यह ऐप-टू-ऐप आधार सत्यापन को सक्षम करेगा।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह प्रत्येक लेनदेन के लिए केंद्रीय आधार डेटाबेस (Central Aadhaar Database) से कनेक्शन की आवश्यकता को समाप्त कर देगा।
  • यह उन परिचालन समस्याओं का समाधान करेगा जो मध्यस्थ सर्वरों (intermediary servers) के डाउनटाइम के कारण उत्पन्न होती थीं।

इस ऐप का उपयोग उन स्थानों पर किया जाएगा जहाँ तेज़ और ऑफलाइन सत्यापन की आवश्यकता होती है, जैसे कि हवाई अड्डे (Airports) और उम्र-प्रतिबंधित उत्पादों को बेचने वाले खुदरा आउटलेट।

3. एपीआई एक्सेस (API Access)

पंजीकृत संस्थाओं को अब एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (APIs) तक पहुंच प्रदान की जाएगी ताकि वे अपने मौजूदा सॉफ्टवेयर या सिस्टम में सीधे ऑफ़लाइन आधार सत्यापन को एकीकृत कर सकें। इससे सत्यापन प्रक्रिया संस्था की आंतरिक कार्यप्रणाली का एक सहज हिस्सा बन जाएगी।


यह कदम क्यों है इतना महत्वपूर्ण? (Significance of the Mandate)

UIDAI का यह कदम कई मायनों में भारत के डिजिटल और कानूनी परिदृश्य को बदल देगा।

1. डिजिटल पर्सनल डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP Act) के साथ तालमेल

UIDAI के सीईओ के अनुसार, यह ऐप और नई सत्यापन सेवाएँ डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (Digital Personal Data Protection Act) के अनुरूप होंगी, जिसे अगले 18 महीनों के भीतर पूरी तरह से चालू किए जाने की उम्मीद है। यह अधिनियम भारत में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करता है। नए नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि आधार सत्यापन की प्रक्रिया भी इस मजबूत डेटा सुरक्षा कानून का पालन करे।

2. सेवा वितरण में सुधार

अपडेटेड सिस्टम के तहत, सत्यापन प्रक्रिया बहुत तेज और अधिक विश्वसनीय हो जाएगी। सर्वर डाउन होने या धीमी इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी समस्याओं के कारण सत्यापन में आने वाली रुकावटें कम होंगी, जिससे ग्राहकों को सीधी और तेज़ सेवा (Faster Service Delivery) मिलेगी।

3. आधार की उपयोगिता का विस्तार

नए तकनीकी उपकरण, विशेष रूप से ऐप, आधार प्रमाणीकरण सेवाओं को और अधिक सुलभ और बहुमुखी बनाएंगे। यह उन क्षेत्रों में भी आधार के उपयोग को बढ़ाएगा जहां पहले कागजी कार्रवाई या केंद्रीय डेटाबेस से बार-बार कनेक्शन एक चुनौती थी।


नए आधार ऐप की अन्य उपयोगी विशेषताएं

UIDAI के अनुसार, नया ऐप केवल सत्यापन तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उपयोगकर्ताओं को कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान करेगा:

  • पता प्रमाण अपडेट (Address Proof Update): उपयोगकर्ता सीधे ऐप के माध्यम से अपने पते के प्रमाण दस्तावेजों को अपडेट कर पाएंगे।
  • परिवार के सदस्यों को जोड़ना: ऐप में ऐसे परिवार के सदस्यों को जोड़ने की सुविधा भी होगी, जिनके पास अपना मोबाइल फोन नहीं है। यह कदम देश में डिजिटल समावेशन को और गहरा करेगा।

विभिन्न सेक्टरों पर प्रभाव (Sectoral Impact)

UIDAI का यह जनादेश उन सभी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा जो ग्राहक ऑनबोर्डिंग या पहचान सत्यापन के लिए आधार का उपयोग करते हैं:

1. आतिथ्य और इवेंट सेक्टर (Hospitality and Event Sector)

होटल, गेस्ट हाउस और इवेंट आयोजकों को अब मेहमानों के चेक-इन के लिए आधार फोटोकॉपी लेने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें पंजीकृत होना होगा और QR/ऐप-आधारित सत्यापन का उपयोग करना होगा, जिससे ग्राहक डेटा की सुरक्षा तुरंत सुनिश्चित होगी।

2. दूरसंचार और वित्तीय सेवाएँ (Telecom and Financial Services)

हालांकि ये क्षेत्र पहले से ही आधार-आधारित ई-केवाईसी (e-KYC) का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं, नए नियम और तकनीक (जैसे नया ऐप) ऑफ़लाइन सत्यापन को और अधिक सुचारू और सुरक्षित बना सकते हैं, खासकर दूरदराज के स्थानों में।

3. खुदरा व्यापार (Retail)

खुदरा विक्रेता, विशेष रूप से वे जो उम्र-प्रतिबंधित सामान (जैसे शराब या तंबाकू उत्पाद) बेचते हैं, वे आयु सत्यापन के लिए नए ऐप का उपयोग कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि वे कानूनी नियमों का पालन कर रहे हैं, बिना ग्राहक का पूरा आधार डेटा संग्रहीत किए।


निष्कर्ष

UIDAI द्वारा ऑफलाइन आधार सत्यापन (Offline Aadhaar Verification) के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का निर्णय भारत के डिजिटल शासन (Digital Governance) की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल कागजी कार्रवाई को खत्म (Eliminate Paperwork) करेगा, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण रूप से, उपयोगकर्ता की निजता (Privacy) और डेटा सुरक्षा (Data Security) को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा। चूंकि भारत DPDP Act को लागू करने की तैयारी कर रहा है, यह नई व्यवस्था आधार को देश के नए डेटा सुरक्षा मानदंडों के साथ पूरी तरह से जोड़ती है, जिससे भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली को वैश्विक स्तर पर एक नया मानक मिलता है।

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