Fino Payments Bank को RBI से SFB बनने की सैद्धांतिक मंजूरी: इतिहास का पहला Payments Bank जो बनेगा Small Finance Bank
भारतीय बैंकिंग सेक्टर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। Fino Payments Bank को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक बड़ा अपडेट मिला है – बैंक को स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank - SFB) में परिवर्तित होने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी (in-principle approval) मिल गई है। यह किसी भी Payments Bank को मिली पहली ऐसी मंजूरी है, जो वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) और बैंकिंग मॉडल के विकास में एक बड़ा मील का पत्थर है।
क्यों है यह एक ऐतिहासिक कदम? (Why is this a Historic First?)
यह मंजूरी Fino Payments Bank के लिए नए दरवाजे खोल देगी। एक Payments Bank की कार्यक्षमताएं सीमित होती हैं, जो मुख्य रूप से भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन और भुगतान को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए थे। Fino Bank अब SFB बनकर अपने वर्तमान ग्राहकों को ऋण (Loan) सहित पूर्ण बैंकिंग समाधान प्रदान करने में सक्षम होगा।
---Payments Bank और Small Finance Bank में मुख्य अंतर
SFB का दर्जा मिलने के बाद Fino बैंक को उन प्रमुख सीमाओं से मुक्ति मिल जाएगी जो RBI ने Payments Bank पर लगाई थीं।
| विशेषता (Feature) | Payments Bank (पहले) | Small Finance Bank (SFB) |
|---|---|---|
| लोन (ऋण) सुविधा | प्रदान नहीं कर सकते | लोन और क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं |
| अधिकतम जमा सीमा | प्रति ग्राहक ₹2 लाख तक सीमित | कोई अधिकतम सीमा नहीं (सामान्य बैंक की तरह) |
| वित्तीय सेवाएँ | भुगतान, प्रेषण (Remittance), जमा | सभी प्रकार की बचत, चालू खाते, लोन, निवेश |
| प्राथमिक उद्देश्य | लेनदेन को बढ़ावा देना | वित्तीय समावेशन और ऋण प्रदान करना |
SFB बनने के बाद क्या बदल जाएगा? (Impact of Conversion to SFB)
SFB का दर्जा मिलने के बाद Fino बैंक अपनी कार्यक्षमता का विस्तार कर सकता है, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों और बैंक दोनों को होगा:
1. लेंडिंग और लोन की सुविधा (Commence Lending Activities)
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि Fino बैंक अब लोन (Loan) देना शुरू कर सकता है। SFB के रूप में, यह अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), किसानों और अन्य छोटे ग्राहकों को ऋण प्रदान करके अपनी उत्पाद श्रृंखला (Product Suite) का विस्तार कर सकता है। यह कदम बैंक के राजस्व मॉडल को पूरी तरह से बदल देगा, क्योंकि लेंडिंग से कमाई में बड़ा उछाल आता है।
2. मज़बूत डिपॉजिट बेस (Stronger Deposit Base)
SFB बनने के बाद जमा राशि पर ₹2 लाख की सीमा समाप्त हो जाएगी, जिससे बैंक को एक मजबूत देयता फ्रैंचाइज़ी (Liability Franchise) बनाने और अपने डिपॉजिट बेस को मजबूत करने में मदद मिलेगी। SFB अक्सर सामान्य बैंकों की तुलना में जमा पर अधिक ब्याज दरें प्रदान करते हैं, जिससे यह ग्राहकों के लिए और आकर्षक बन जाएगा।
3. RBI के निर्देश और संक्रमण काल (RBI Directives and Transition Period)
RBI ने 'सैद्धांतिक मंजूरी' दी है, जिसका अर्थ है कि बैंक को अंतिम लाइसेंस प्राप्त करने से पहले कुछ चरणों को पूरा करना होगा। बैंक को SFB मानदंडों को पूरा करने के लिए अपनी पूंजी संरचना (Capital Structure) और गवर्नेंस (Governance) मॉडल को फिर से तैयार करना होगा। RBI आमतौर पर बैंक को इन मानदंडों को पूरा करने के लिए 18 महीने तक का समय देता है। अंतिम मंजूरी मिलने तक Fino Payments Bank अपने वर्तमान संचालन को जारी रखेगा।
---ग्राहकों के लिए क्या हैं बड़े फायदे? (Direct Benefits to Customers)
- पूर्ण बैंकिंग समाधान: ग्राहकों को अब एक ही प्लेटफॉर्म पर जमा, भुगतान और लोन (ऋण) तीनों सुविधाएं मिलेंगी।
- ज्यादा ब्याज: SFB अक्सर अपने ग्राहकों को जमा राशि पर बेहतर ब्याज दरें प्रदान करते हैं।
- सुरक्षा और विश्वसनीयता: SFB का दर्जा मिलने से बैंक की विश्वसनीयता और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों का विश्वास मज़बूत होगा।
यह कदम भारतीय फिनटेक और बैंकिंग इकोसिस्टम के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो दर्शाता है कि नवाचार पर आधारित मॉडल भी मुख्यधारा के बैंकिंग में प्रवेश कर सकते हैं। Fino Payments Bank का यह परिवर्तन अन्य Payments Bank के लिए भी SFB बनने का रास्ता खोल सकता है।
