डिजिटल युग में जहां एक तरफ़ तकनीक ने हमारी ज़िंदगी आसान बना दी है, वहीं दूसरी तरफ़ साइबर अपराध भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। व्हाट्सऐप, जो दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप है, अब साइबर ठगों का नया हथियार बन गया है। हाल ही में WhatsApp Screen Mirroring Fraud नाम का घोटाला सामने आया है, जो मिनटों में लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर देता है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे:
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यह फ्रॉड क्या है और कैसे काम करता है?
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स्कैमर्स किस तरह लोगों को फंसाते हैं?
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इसका असर कितना गंभीर हो सकता है?
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और सबसे अहम—आप खुद को इससे कैसे बचा सकते हैं?
WhatsApp Screen Mirroring Fraud क्या है?
यह एक साइबर ठगी का तरीका है जिसमें अपराधी WhatsApp की स्क्रीन शेयर/स्क्रीन मिररिंग सुविधा का दुरुपयोग करते हैं।
जब कोई व्यक्ति अपनी स्क्रीन शेयर करता है, तो सामने वाला हर चीज़ लाइव देख सकता है—आपके बैंकिंग ऐप्स, OTP, पासवर्ड और संवेदनशील जानकारी। स्कैमर्स इसी का फायदा उठाकर लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं।
यह फ्रॉड कैसे काम करता है?
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पहला कदम – संपर्क करना
स्कैमर्स किसी भरोसेमंद पहचान (बैंक अधिकारी, टेक सपोर्ट एजेंट, सरकारी कर्मचारी) का रूप धरते हैं और आपको कॉल करते हैं। -
दूसरा कदम – भरोसा जीतना
वे बताते हैं कि आपके बैंक खाते या मोबाइल एप में कोई गड़बड़ी है जिसे ठीक करने के लिए उन्हें आपकी स्क्रीन देखनी होगी। -
तीसरा कदम – स्क्रीन शेयर की मांग
आपको यह समझाया जाता है कि समस्या हल करने के लिए "स्क्रीन शेयर" चालू करना जरूरी है। जैसे ही आप ऐसा करते हैं, आपकी पूरी डिजिटल ज़िंदगी उनकी नज़रों के सामने आ जाती है। -
चौथा कदम – अकाउंट खाली करना
स्कैमर आपके बैंकिंग ऐप्स खोलकर OTP और पासवर्ड नोट करते हैं और तुरंत आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
स्कैमर्स किन चीजों तक पहुंच सकते हैं?
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आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स
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इंटरनेट बैंकिंग और UPI ट्रांजैक्शन
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OTP और पासवर्ड
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ईमेल्स और व्यक्तिगत संदेश
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आपके फ़ोन में सेव की गई डॉक्यूमेंट और कॉन्टैक्ट्स
यानि एक बार स्क्रीन मिररिंग चालू हुई तो अपराधियों के लिए सब कुछ खुली किताब जैसा है।
क्यों खतरनाक है यह स्कैम?
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यह रीयल-टाइम फ्रॉड है, यानी धोखेबाज़ को आपके अकाउंट से पैसे निकालने में कुछ ही मिनट लगते हैं।
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इस स्कैम का शिकार बनने के बाद पैसे वापस मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
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यह सिर्फ वित्तीय नुकसान ही नहीं करता, बल्कि पहचान की चोरी (Identity Theft) का भी खतरा बढ़ा देता है।
हाल के मामले और ट्रेंड
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कई शहरों में लोग शिकायत कर चुके हैं कि किसी कॉल पर स्क्रीन शेयर करने के बाद उनका अकाउंट खाली हो गया।
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साइबर सेल के पास रोजाना ऐसे मामलों की रिपोर्ट पहुँच रही है।
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बैंकों और डिजिटल वॉलेट कंपनियों ने अपने ग्राहकों को चेतावनी जारी की है कि कभी भी स्क्रीन शेयर न करें।
खुद को कैसे बचाएँ?
सुरक्षा उपाय | क्या करना चाहिए |
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1. अनजान कॉल से सावधान रहें | किसी अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल पर भरोसा न करें। |
2. कभी स्क्रीन शेयर न करें | किसी भी हाल में बैंक या टेक सपोर्ट के नाम पर स्क्रीन शेयर न करें। |
3. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें | WhatsApp और बैंकिंग ऐप्स पर 2FA जरूर ऑन करें। |
4. नियमित पासवर्ड बदलें | अपने बैंकिंग और ईमेल पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। |
5. तुरंत रिपोर्ट करें | अगर धोखा हो जाए तो तुरंत साइबर सेल और बैंक को सूचित करें। |
6. परिवार को जागरूक करें | बुजुर्ग और कम-तकनीकी जानकारी रखने वाले लोगों को खासकर समझाएँ। |
साइबर एक्सपर्ट्स की राय
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साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्कैम मनोवैज्ञानिक तकनीक (Social Engineering) पर आधारित है।
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अपराधी यूज़र को डराकर या भरोसा दिलाकर स्क्रीन शेयर करवा लेते हैं।
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सच यह है कि कोई भी बैंक या आधिकारिक संस्था आपसे कभी भी स्क्रीन शेयर करने को नहीं कहेगी।
यदि शिकार बन जाएं तो क्या करें?
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तुरंत अपने बैंक को कॉल करके अकाउंट ब्लॉक कराएँ।
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नजदीकी साइबर थाने या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करें।
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National Cyber Crime Reporting Portal (cybercrime.gov.in) पर केस रजिस्टर करें।
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अपने मोबाइल से स्कैमर्स को ब्लॉक करें और सबूत (स्क्रीनशॉट, नंबर) सुरक्षित रखें।
भविष्य में ऐसे फ्रॉड क्यों बढ़ेंगे?
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ऑनलाइन बैंकिंग और UPI का बढ़ता इस्तेमाल
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डिजिटल इंडिया के साथ ग्रामीण क्षेत्रों तक स्मार्टफोन की पहुंच
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साइबर सुरक्षा के बारे में कम जागरूकता
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अपराधियों के पास नए-नए टूल और ट्रिक्स
निष्कर्ष
WhatsApp Screen Mirroring Fraud इस बात का सबूत है कि साइबर अपराधी हमेशा नए रास्ते खोजते रहते हैं। हमारी एक छोटी सी गलती—जैसे स्क्रीन शेयर करना—हमारे जीवन भर की कमाई को खतरे में डाल सकती है।
👉 याद रखिए:
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स्क्रीन शेयर = सुरक्षा खत्म।
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कोई भी बैंक या कंपनी आपसे स्क्रीन शेयर की मांग नहीं करेगी।
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सतर्क रहें, जागरूक रहें और दूसरों को भी सचेत करें।