परिचय
अगस्त 2025 में भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई। देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक, ICICI Bank, ने अचानक अपने नए बचत खातों के लिए Minimum Average Balance (MAB) की सीमा को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया। इस कदम ने ग्राहकों, विशेषकर मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा वर्ग में नाराज़गी की लहर पैदा कर दी। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर आलोचना का माहौल बन गया और कई लोगों ने इसे "मिडल क्लास पर सीधा प्रहार" बताया।
लगभग दो हफ़्तों तक विरोध और चर्चा के बाद, बैंक ने एक अप्रत्याशित निर्णय लेते हुए MAB को घटाकर ₹15,000 कर दिया। यह बदलाव न सिर्फ ग्राहकों के लिए राहत की सांस लेकर आया, बल्कि यह भी साबित कर गया कि ग्राहक की आवाज़ बड़े से बड़े बैंक को भी अपनी नीति बदलने पर मजबूर कर सकती है।
MAB क्या है और क्यों मायने रखता है?
Minimum Average Balance (MAB) वह औसत राशि है जो किसी बचत खाते में एक महीने के दौरान बनाए रखनी होती है। यदि खाता धारक इस औसत को बनाए रखने में असफल रहता है, तो बैंक उससे पेनाल्टी चार्ज करता है।
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MAB का उद्देश्य बैंक के पास स्थिर जमा बनाए रखना होता है।
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यह बैंक की नकदी प्रबंधन और लिक्विडिटी के लिए अहम है।
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लेकिन बहुत ऊँची MAB सीमा ग्राहक के लिए बोझ बन सकती है, खासकर तब जब ब्याज दरें कम हों।
घटनाओं की टाइमलाइन
1 अगस्त 2025 – विवाद की शुरुआत
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ICICI Bank ने घोषणा की कि मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में नए बचत खातों के लिए MAB ₹50,000 होगा।
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सेमी-शहरी क्षेत्रों में यह ₹25,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹10,000 तय किया गया।
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पुराने खाताधारकों पर इसका असर नहीं था, लेकिन नए ग्राहकों के लिए यह अनिवार्य था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
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ट्विटर, इंस्टाग्राम, और फेसबुक पर #BoycottICICI और #MiddleClassMatters जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
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कई वित्तीय विशेषज्ञों ने बताया कि यह नीति भारतीय औसत आय के हिसाब से बेहद ऊँची है।
13 अगस्त 2025 – बैंक का U-Turn
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ग्राहकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, ICICI Bank ने MAB को घटाकर ₹15,000 कर दिया।
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बैंक ने कहा, “हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझते हैं और उनकी प्रतिक्रिया का सम्मान करते हैं।”
पुराने और नए नियम – तुलना
क्षेत्र | पुराना MAB (1 अगस्त से) | संशोधित MAB (13 अगस्त से) | फर्क |
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मेट्रो / शहरी | ₹50,000 | ₹15,000 | ₹35,000 कम |
सेमी-अर्बन | ₹25,000 | ₹15,000 | ₹10,000 कम |
ग्रामीण | ₹10,000 | ₹15,000 | ₹5,000 ज़्यादा* |
*ग्रामीण क्षेत्रों में, पुराने MAB से थोड़ा अधिक, लेकिन यह शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अब भी कम है।
ग्राहकों की नाराज़गी के कारण
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असंगत वित्तीय मांग – भारत में अधिकांश लोगों की मासिक आय ₹25,000 से ₹40,000 के बीच है। ₹50,000 का MAB का अर्थ था कि उन्हें अपनी 1-2 महीने की कमाई खाते में निष्क्रिय रखनी होगी।
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कम ब्याज दरें – बचत खाते पर ब्याज दर 3–4% ही है, ऐसे में ₹50,000 लॉक रखना आर्थिक दृष्टि से लाभकारी नहीं था।
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वैकल्पिक विकल्प मौजूद – कई पब्लिक सेक्टर और डिजिटल बैंक Zero-Balance खाते उपलब्ध कराते हैं, जिससे ग्राहकों को अन्य विकल्प तलाशने का मौका मिला।
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सोशल मीडिया का दबाव – आज के डिजिटल युग में, नकारात्मक प्रतिक्रिया तेजी से फैलती है। यही इस बदलाव में सबसे बड़ा कारण साबित हुआ।
बैंक के लिए संदेश
ICICI Bank का यह बदलाव बताता है कि ग्राहक-केंद्रित नीति अपनाना कितना जरूरी है।
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प्रतिस्पर्धा का असर – आज के बैंकिंग मार्केट में, ग्राहक आसानी से बैंक बदल सकते हैं।
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ब्रांड इमेज की सुरक्षा – अगर समय रहते नीति में बदलाव न होता, तो ICICI Bank की साख पर गंभीर असर पड़ सकता था।
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अनुकूलन की क्षमता – ग्राहकों की जरूरत के अनुसार बदलाव करना ही लंबे समय तक टिके रहने की कुंजी है।
विशेषज्ञों की राय
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वित्तीय विश्लेषक – “₹50,000 का MAB भारतीय मिडल क्लास के लिए अव्यवहारिक था। ₹15,000 अभी भी कुछ के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह एक संतुलित आंकड़ा है।”
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ग्राहक अधिकार कार्यकर्ता – “यह घटना साबित करती है कि एकजुट आवाज़ से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।”
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बैंकिंग इंडस्ट्री विशेषज्ञ – “यह फैसला अन्य बैंकों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे बिना ग्राहक फीडबैक के बड़े बदलाव न करें।”
ग्राहकों के लिए सुझाव
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खाते के नियम नियमित जांचें – बैंक समय-समय पर अपने नियम बदल सकते हैं।
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स्मार्ट बैलेंस मैनेजमेंट – Sweep-in FD या Auto FD जैसी सुविधाओं का उपयोग करें।
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वैकल्पिक खाते खोलें – Zero-Balance या Digital Savings Account एक विकल्प हो सकते हैं।
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सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएँ – अपनी समस्याओं और सुझावों को साझा करें।
2025 में सही बैंक खाता चुनने के टिप्स
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Minimum Balance Requirement – अपने बजट के अनुसार चुनें।
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नेटबैंकिंग और मोबाइल ऐप की गुणवत्ता – सुविधा और सुरक्षा दोनों देखें।
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अतिरिक्त शुल्क – ATM, NEFT/RTGS, SMS Alerts के चार्जेस जांचें।
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ग्राहक सेवा – त्वरित और प्रभावी सपोर्ट उपलब्ध है या नहीं।
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ऑफर्स और बेनिफिट्स – Cashback, Rewards, Insurance जैसी अतिरिक्त सुविधाएँ देखें।
निष्कर्ष
ICICI Bank का यह कदम बैंकिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण मिसाल है। यह केवल आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि ग्राहक की ताकत और सोशल मीडिया के प्रभाव का स्पष्ट उदाहरण है।
₹50,000 से ₹15,000 तक MAB घटाना यह दर्शाता है कि यदि ग्राहक संगठित होकर अपनी बात रखते हैं, तो सबसे बड़ी संस्थाएँ भी बदलाव के लिए तैयार हो सकती हैं।