1 जुलाई 2025 से रेलवे टिकट बुकिंग, PAN कार्ड, ITR, बैंकिंग और ईंधन से जुड़े कई नियम बदल गए हैं। जानिए इनके नए प्रावधान और उनका प्रभाव।
📌 नया महीना, नए नियम – क्यों है ये बदलाव खास?
हर साल 1 जुलाई को भारत में कई वित्तीय और सरकारी नियम लागू होते हैं। इस साल 2025 में भी कुछ अहम बदलाव हुए हैं जो आम नागरिक की रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़े हैं – जैसे रेलवे टिकट बुकिंग का तरीका, PAN कार्ड के नियम, टैक्स फाइलिंग की समय सीमा, और यहां तक कि पुराने वाहनों पर ईंधन बंदी।
🚄 रेलवे टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव
✳️ Tatkal टिकट में आधार अनिवार्य
अब Tatkal टिकट बुकिंग में Aadhaar OTP वेरिफिकेशन ज़रूरी हो गया है। इससे एजेंट्स के माध्यम से फर्जी बुकिंग पर रोक लगेगी और आम यात्रियों को प्राथमिकता मिलेगी।
✳️ एजेंट को देर से मिलेगी बुकिंग विंडो
IRCTC ने नया सिस्टम लागू किया है जिसके अनुसार आम यात्रियों के लिए Tatkal टिकट विंडो पहले खुलेगी, जबकि ट्रैवल एजेंट को कुछ मिनटों बाद ही बुकिंग की अनुमति दी जाएगी।
✳️ वेटिंग लिस्ट चार्ट समय से पहले
अब ट्रेन के वेटिंग लिस्ट चार्ट की घोषणा 8 घंटे पहले की जाएगी, जिससे यात्रियों को अपनी सीट की स्थिति पहले से पता चल सके।
✳️ किराया मामूली बढ़ा
नॉन-AC मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में किराया 1 पैसा प्रति किलोमीटर, और AC क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है।
🧾 PAN कार्ड और ITR से जुड़े बदलाव
✳️ नया PAN अब आधार से लिंक होगा
1 जुलाई से नया PAN कार्ड बनवाने के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला फर्जी PAN कार्ड को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
✳️ ITR फाइलिंग की डेडलाइन आगे बढ़ी
अब आम करदाता 15 सितंबर 2025 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर सकते हैं। पहले यह तारीख 31 जुलाई थी।
🏦 बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट में बदलाव
✳️ बैंक शुल्क में संशोधन
ICICI, Axis, और HDFC जैसे कई बड़े बैंक अब ATM निकासी, IMPS ट्रांजैक्शन, और क्रेडिट कार्ड पर बड़ी खरीदारी पर अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं।
✳️ UPI चार्जबैक सिस्टम बदला
अब बैंकों को चार्जबैक के लिए NPCI से अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है। इससे UPI लेन-देन की समस्या पर जल्दी समाधान मिलेगा।
🛵 पुराने वाहन और ईंधन नियम
दिल्ली और कई अन्य राज्यों में 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने डीज़ल वाहन अब ईंधन नहीं भरवा सकेंगे। यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण के तहत लिया गया है।
📋 GST फॉर्म में बदलाव
GSTR-3B फार्म में अब प्री-फिल्ड डेटा ही मान्य होगा। व्यापारी अब उसमें बदलाव नहीं कर सकेंगे। यह कदम टैक्स में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लागू किया गया है।
🎯 आपके लिए क्या मायने रखते हैं ये बदलाव?
क्षेत्र | असर |
---|---|
रेलवे यात्रा | टिकट बुकिंग में पारदर्शिता, कम धोखाधड़ी |
बैंकिंग | अतिरिक्त शुल्क, लेन-देन में सावधानी |
PAN/ITR | समय पर लिंक और रिटर्न ज़रूरी |
वाहन | प्रदूषणकारी वाहनों की सख्ती से रोकथाम |
व्यापारी वर्ग | GST में अनुशासन और पारदर्शिता |
✅ निष्कर्ष
1 जुलाई 2025 से लागू हुए ये नियम आम जनता, व्यवसायियों और यात्रियों के लिए सीधे तौर पर असर डालने वाले हैं। जहां एक ओर ये डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम की दिशा में मजबूत कदम हैं, वहीं दूसरी ओर ये हमारी वित्तीय और नागरिक जिम्मेदारियों को भी बढ़ाते हैं।
समय रहते अपडेट रहें, ताकि इन नियमों का पूरा लाभ ले सकें और किसी परेशानी से बचा जा सके।