अब बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना हुआ आसान –इस बैंक ने भी चालू की ये सेवाएं !

 Indian Bank और PNB ने July 2025 से बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की पेनल्टी खत्म कर दी है। जानिए इस ऐतिहासिक कदम का व्यापक प्रभाव और आपकी बैंकिंग पर क्या असर होगा।

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🏦 1. वित्तीय समावेशन का नया अध्याय

ग्रामीण इलाकों, महिलाओं, किसानों और निम्न-आय वाले परिवारों को बैंकिंग की पहुँच बेहतर बनाने की दिशा में अब एक नया कदम बढ़ा है। Punjab National Bank ने 1 जुलाई से, और Indian Bank ने 7 जुलाई से बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की पेनल्टी खत्म करने की घोषणा की है। इससे ना सिर्फ फीस से मुक्ति मिलेगी, बल्कि formal banking प्रणाली में बंधाव भी कम होगा


👩‍👧‍👦 2. PNB ने 1 जुलाई से माफ की पेनल्टी

Punjab National Bank ने घोषणा की कि अब किसी भी बचत खाते में यदि बैलेंस कम होता है, तो कोई पेनल्टी नहीं लगेगी। उनका मानना है कि इससे महिलाओं, किसानों और निम्न-आय वर्ग के खाताधारकों का आर्थिक दबाव कम होगा और बैंकिंग प्रक्रिया आसान बनेगी

🧾 पहले क्या नियम थे?

  • ग्रामीण शाखाओं में न्यूनतम बैलेंस ₹1,000

  • अर्ध-शहरी में ₹2,000

  • शहरी में ₹5,000

  • महानगरीय शाखाओं में ₹10,000
    और बैलेंस के कम होने पर ₹30–₹400 तक की पेनल्टी लागू होती थी


🏦 3. Indian Bank ने 7 जुलाई से बढ़ाया तोहफा

Indian Bank ने ताजा घोषणा की है कि 7 जुलाई 2025 से फुल waiver लागू होगा—all savings account holders को MAB पेनल्टी से राहत मिलेगी। इसका मकसद financial inclusion को और मजबूत बनाना और बैंकिंग सेवा को सुलभ बनाना बताया गया


🧑‍💼 4. क्यों बढ़ी है यह पहल?

  • आर्थिक समावेशन – छोटी बचत योजनाओं वाले खाते भी अब मुफ्त चलेंगे

  • ग्राहक-केंद्रित बैंकिंग – लोग अधिक भरोसे के साथ प्रतिदिन लेनदेन कर पाएंगे

  • बैंकिंग अपनापन – पिछली तारीख़ों में कई लोग MAB को लेकर डर के संग खाते नहीं खोलते थे
    PNB MD & CEO ने इस कदम को सामाजिक रूप से जिम्मेदार और सबसेता-उन्मुख बताया


💰 5. आपको क्या मिलेगा?

फायदाविवरण
खाता खुलना आसानबिना बैलेंस की चिंता के कोई भी हकदार खाता खोल सकता है
खाता उपयोगबचत खाते इस्तेमाल करने में निरंतरता आएगी
मन की शांतिअनवांटेड पेनल्टी से बचाव, पैसे से जुड़ी चिंता दूर
वित्तीय सहभागिताडिजिटल और formal banking में लोग शामिल होंगे

🔍 6. पेनल्टी खत्म — बैंक द्वारा उठाए गए विस्तृत कदम

PNB की रणनीति:

  • 1 जुलाई से सभी बचत खातों में निष्क्रियता या बैलेंस कमी की पेनल्टी हटा दी गई

  • ग्रामीण से महानगर तक सभी श्रेणियों में यह कटौती रुकी 

Indian Bank की रणनीति:

  • 7 जुलाई से कदम उठाया गया—बिना बैलेंस घाटी या नगण्य उपयोग पर कोई शुल्क नहीं लगेगा

  • इसमें महिलाएँ, विद्यार्थी, किसान—सभी को शामिल किया गया 


📉 7. तुलना: पहले और अब का बैंकिंग अनुभव

पहलपहले की स्थितिअब का बदलाव
न्यूनतम बैलेंस₹1,000–₹10,000 तककोई आवश्यकता नहीं
पेनल्टी₹30–₹400 तक लगती थीपूर्ण रूप से माफ
ग्राहक का भयबैलेंस कम होने पर डरफीस पर कोई चिंता नहीं
समावेशनकई खाते बंद हो जाते थेखाते बड़े टर्नओवर या छोटा हो सकते हैं

🔧 8. आपको क्या करना चाहिए?

  • अपने खाते में फिलहाल बैलेंस कम है तो कोई चिंता न करें

  • 7 जुलाई के बाद कभी भी जांच कर सकते हैं कि MAB पेनल्टी नहीं लग रही

  • पहले की तरह खाता सक्रिय बनाए रखें, बचत व ई-ट्रांजैक्शन चलाते रहें

  • डिजिटल लेन-देन (UPI, NETBANKING, ATM) अधिक भरोसे के साथ करें


🏦 9. अन्य बैंकों की नीति में बदलाव

  • Canara Bank ने भी मई 2025 से न्यूनतम बैलेंस की पेनल्टी खत्म कर दी थी

  • SBI साल 2020 से बचत खाता में बैलेंस न रखने पर पेनल्टी नहीं लेता
    इसे देखकर यह दिशा साफ हुई कि Public Sector Banks में यह ट्रेंड बढ़ रहा है


🔍 10. MAB पेनल्टी खत्म करने से बैंक कैसे प्रभावित होंगे?

  • राजस्व पर प्रभाव – पेनल्टी राशि गायब होने से कुछ राजस्व घटेगा

  • लागत-प्रभाव – अधिक शुल्क कटौती हो सकती है, लेकिन customer acquisition बढ़ सकता है

  • डिपॉजिट बैलेंस – कुछ खाता धारक बैलेंस कम रख सकते हैं, लेकिन overall डिपॉजिट संरचना बनी रहेगी

  • ग्राहक संतुष्टि – विश्वास बढ़ेगा, ख़ासकर ग्रामीण इलाकों में


📝 11. विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

  • फाइनेंस विशेषज्ञ इसे धीमी, लेकिन ज़रूरी कदम मानते हैं

  • दूसरी ओर, बैंकिंग विश्लेषक बताते हैं कि इससे short-term revenue घट सकता है, लेकिन long-term में customer retention बढ़ेगा

  • यह कदम वित्तीय समावेशन, सामाजिक जिम्मेदारी और आसान बैंकिंग के लक्ष्य की दिशा में महत्व रखता है


✅ 12. निष्कर्ष

Indian Bank और PNB द्वारा न्यूनतम बैलेंस शुल्क समाप्त करने से बैंकिंग में पारदर्शिता और ग्राहक स्वतंत्रता बढ़ेगी। यह कदम सिर्फ formal banking को नापाक नहीं करेगा, बल्कि marginalized समूहों को भी समान रूप में शामिल करेगा।

यदि आप पहले सीमित बैलेंस के कारण अपने खाते का उपयोग रोक रहे थे, तो अब समय है—यह सुविधाजनक समय है बैंकिंग को भरोसे के साथ शुरू करने का। सरल, सुलभ और inclusive बैंकिंग की दिशा में यह कदम ज़रूर सराहनीय है।

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