SEBI Check: निवेशकों की सुरक्षा में नया युग

 SEBI Check UPI हैंडल की वैधता की जाँच करने वाला नया उपकरण है जिससे निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी।


परिचय: SEBI की पहल का सार

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने UPI‑आधारित धोखाधड़ी को रोकने के लिए "SEBI Check" नामक एक उपयोगी टूल की घोषणा की है। इसके तहत SEBI पंजीकृत ब्रोकर, म्यूचुअल फंड, निवेश सलाहकार आदि इंटरमीडिएरीज़ के लिए वैध UPI एड्रेस बनाए जाएंगे और निवेशक को ये सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि फंड केवल सत्यापित लोगों को ही जा रहे हैं।




UPI हैंडल में क्या बदला?

SEBI ने UPI एड्रेस का एक नया संरचित मॉडल पेश किया है:

  • प्रारूप: username.suffix@validबैंक, जैसे abc.brk@validhdfc

  • अद्वितीय पहचान के लिये हर हैंडल में “@valid” जुड़ जाएगा और साथ में ग्रीन थम्ब्स‑अप आइकन भी रहेगा, ताकि दृश्य रूप से निवेशकों को पता चले कि यह एक वैध एड्रेस है।


SEBI Check टूल: मुख्य विशेषताएँ

यह नया टूल निवेशकों को दो तरीके से सत्यापन करने की सुविधा देगा:

  1. QR कोड स्कैन – सीधे QR कोड स्कैन करके पुष्टि करें।

  2. मैनुअल प्रवेश – UPI ID टाइप करके IFSC और बैंक विवरण सत्यापित करें।


शुरुआत की समय सीमा और संक्रमण

  • यह व्यवस्था 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो जाएगी।

  • लगभग 8,000 इंटरमीडिएरीज़ इस नए सिस्टम में शामिल होंगे।

  • पुरानी UPI IDs अभी काम करेंगी, लेकिन 8 दिसंबर 2025 के बाद से बंद हो जाएंगी।


SEBI की सुरक्षा रणनीति

SEBI धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है:

  • NPCI और बैंकिंग नेटवर्क के साथ भागीदारी।

  • अगले दो सालों में निवेशक जागरूकता अभियान चलाने का प्लान।

  • केवल वैध ऐप स्टोर्स पर ही ये QR कोड व टूल उपलब्ध होंगे।


लाभ और प्रभाव

  • धोखाधड़ी में कमी: फर्जी UPI IDs अब पहचान में आसान हो जाएंगे।

  • पारदर्शिता और भरोसा: भुगतान की स्पष्ट स्थिति से बाजार भरोसेमंद बनेगा।

  • त्वरित प्रतिक्रिया: SEBI Check से तुरंत सत्यापन संभव होगा।


संभावित चुनौतियाँ

  • तकनीकी बाधाएँ: QR कोड स्कैनिंग व आईडी सिस्टम में त्रुटियाँ हो सकती हैं।

  • निवेशक प्रशिक्षित नहीं: कई निवेशकों को नई प्रणाली के बारे में जानकारी नहीं हो सकती।

  • तत्काल अनुपालन: कुछ इंटरमीडिएरी समय से इसे लागू नहीं कर पाएंगे।


निष्कर्ष

SEBI की यह पहल निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी माहौल को नियंत्रित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। 1 अक्टूबर 2025 से लागू होकर यह नई व्यवस्था बाज़ार की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को और मजबूत बनाएगी।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. SEBI Check कब शुरू होगा?
    यह टूल और सत्यापित UPI हैंडल 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।

  2. पुराने UPI हैंडल कब तक चलेंगे?
    पुराने हैंडल 8 दिसंबर 2025 तक उपयोग में रहेंगे, फिर बंद हो जाएंगे।

  3. ये पहल किन पर लागू होती है?
    SEBI‑पंजीकृत ब्रोकर, म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजर, निवेश सलाहकार, रिसर्च एनालिस्ट आदि पर लागू होगी।

  4. “@valid” हैंडल का क्या मतलब है?
    यह दर्शाता है कि UPI एड्रेस SEBI और NPCI द्वारा सत्यापित, मान्य और सुरक्षित है।

  5. SEBI Check कैसे काम करता है?
    आप QR कोड स्कैन कर सकते हैं या UPI ID मैनुअली दर्ज कर IFSC एवं बैंक विवरण चेक कर सकते हैं।

  6. अगर इसका उपयोग नहीं किया तो क्या जोखिम है?
    फर्जी हैंडल की वजह से निवेशकों का पैसा धोखाधड़ी करने वालों के पास जा सकता है।

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